Wednesday, July 4, 2012

Another November:C.Way Version of A Wednesday


कवि का हौंसला बढाने के लिए फेसबुक का यह पृष्ठ पसंद करें

साल है 2018...
ISeeAI के 4 पुराने प्रेसीडेंट को जेल हुए 5 साल हो चुके है।
उन पर आरोप है SeeA की परीक्षाओं मे ग़लत परिणाम घोषित करने का जिसकी वजह से हज़ारो मासूम
SeeA छात्रों  को खुदखुशी का रास्ता चुनना पड़ा। वो स्यूसाइड नहीं मर्डर थे ये सरकार को 3 ईडियट्स 
देखने के बाद महसूस हुआ।
और इसी बीच दिल्ली के ए.सी.पी. मक्कड़ साहब को ये फोन आता है।

मक्कड़ : हैलो।
अज्ञात : मक्कड़ साहब।
मक्कड़ : कौन?
अज्ञात : टोकिएगा नही सिर्फ़ सुनिएगा. मैने देश के चार अलग अलग SeeA exam centers मे बॉम्ब प्लांट किए है. और ये सब ठीक आधे घंटे बाद ब्लास्ट हो जाएँगे. लेकिन ये avoid हो सकते है।
मक्कड़ : क्या चाहिए तुम्हे?
अज्ञात : क़मरजीत खोपड़ा, खेद बैन, यू. पी छगरवाल और जी.गामानामी।
मक्कड़ : ये लोग कौन है?
अज्ञात : ये वो लोग है जिन्होने अपनी इज़्ज़त के लिए हज़ारो SeeA छात्रों की जान लेली. आप इन्हे इकट्ठा  करीए, मैं 10 मिनट के बाद फिर फोन करता हूँ।

"सब इकट्ठे हो जाते है और 10 मिनट बाद फिर फोन की घंटी बजती है।"

मक्कड़ : वो लोग मेरे साथ है।
अज्ञात : मैं ज़रा उनसे बात करना चाहता हूँ।
मक्कड़ : फोन लाउडस्पिकर पे है, वो तुम्हे सुन रहे है बोलो।

अज्ञात : Good afternoon खोपड़ा साहब। Everything alright.
खोपड़ा : Yeah Dear,everything is fine,just we are handcuffed.
अज्ञात : I will set u free,don’t worry.Just give me your signatures.
खोपड़ा : मई , नवंबर 2010, फक्र है।
बैन : मई , नवंबर 2008, फक्र है।
छगरवाल : मई , नवंबर 2009, फक्र है।
गामानामी :  मई , नवंबर 2011, फक्र है।

अज्ञात : बहुत ही उम्दा काम किया है आपने, मक्कड़ साहब, अब आप इन लोगों को मेरे पास भेज दो।
मक्कड़ : लेकिन तुम इनके साथ क्या करोगे?

अज्ञात : मैं क़मरजीत खोपड़ा, खेद बैन, यू. पी छगरवाल और जी.गामानामी को मारना चाहता हूँ और in fact मेरा ये काम अब आप पूरा करेंगे.
मक्कड़ : माफ करना, मैं कुछ समझा नहीं.
अज्ञात : आप के घर मे साँप आके आपको डसने की कोशिश करता है तो आप क्या करते है? आप उसे पालते नही मारते है. ये चारो साँप मुझे काट रहे थे और आज मैं इन्हे मार रहा हूँ.
मक्कड़ : तुम, तुम हो कौंन?

अज्ञात : मैं वो हूँ जो आज SeeA में रेजिस्ट्रेशन करने से घबराता है। मैं वो हूँ जो परीक्षा देने जाता है तो उसकी माँ को लगता है जंग लड़ने जा रहा है। पता नहीं लौटेगा या नहीं। हर परीक्षा के बाद पूछती है, बेटा चाय पी के नहीं, बेटा सोया के नहीं, दरअसल वो ये जानना चाहती है के मैं ज़िंदा रहना चाहता हूँ या नहीं. मैं वो हूँ जो कभी ITSM मे फँसता है, कभी Cost-FM मे| मैं वो हूँ जो किसी के हाथ मे RTP देख के शक करता है और मैं वो भी हूँ जो आजकल सोने से घबराता है। फाइनल का पंजीकरण कराता है तो सोचता है के किताबें Institute की पढूँ या प्राइवेट, कहीं परीक्षा मे प्राइवेट किताबों के शब्द देख कर मुझे Fail ना करदें. झगड़ा Institute और Coaching Class वालो का हो, पर पिसता हमेशा मैं ही हूँ। लक्ष्मी नगर की भीड़ तो देखी होगी ना आपने,उस भीड़ मे से कोई एक चेहरा चुन लीजिए मैं वो हूँ। I am just a Common SeeA Student wanting to clear his Exams.

मक्कड़ : आज अचानक ये Common SeeA Student कैसे जाग गया वो भी 4 लोगों की मौत के फरमान के साथ।

अज्ञात : क्यूँ, जाग गया तो तक़लीफ़ हो रही है। ज़िंदगी भर पढ़ पढ़ के Fail होते रहना चाहिए था मुझे। और ये अचानक नही हुआ है मक्कड़ साहब, यूँ समझिए की टाइम नही मिला। CPT, IPCC के चक्कर मे ये काम ज़रा Neglect हो गया। पर देर आए आए दुरुस्त आए। ये चारो साँप आज ही मरेंगे।

मक्कड़ : ये चार ही क्यों, और भी तो है।
अज्ञात : मैने लॉटरी निकाली इन चारो का नाम निकल आया।
मक्कड़ : मतलब तुम ये कह रह हो की अगर हमने इन चार लोगों को नही मारा तो ना जाने कितने बेगुनाह SeeA Students को तुम मार दोगे।

अज्ञात : अरे वो लोग तो वैसे भी मरेंगे मक्कड़ साहब। आज नही तो कल, और छगरवाल जैसे लोग ही मारेंगे उन्हे. पिछली बार IPCC मे मारा था इस बार फाइनल मे मारेंगे। और तब तक मारते रहेंगे जब तक हम इन्हे
जवाब देना नही सीखेंगे।

मक्कड़ : तुम हो क्या?
अज्ञात : मतलब?
मक्कड़ : मतलब CPT स्टूडेंट हो फाइनल स्टूडेंट हो, क्या हो?
अज्ञात : मेरी स्टेज का इससे कुछ लेना देना नही है.
मक्कड़ : लेना देना है|
अज्ञात : मैने कहा ना I am just a Common SeeA Student.
मक्कड़ : Common SeeA Student.
अज्ञात : जी।
मक्कड़ : तुम्हे डर लग रहा है, पकड़े जाने का मारे जाने का।
अज्ञात : शायद।
मक्कड़ : Be Specific, हाँ या ना।
अज्ञात : हाँ।
मक्कड़ : तो फिर ये डर याद रखना,और ये मत समझना के Common SeeA Student का झंडा दिखा के तुम
बच जाओगे. तुम जो साबित कर रहे हो ना वो…

अज्ञात : मैं साबित कुछ नही कर रहा, मक्कड़ साहब। मैं सिर्फ़ आपको याद दिलाना चाहता हूँ के छात्रों मे गुस्सा बहुत है उन्हे फेल करना बंद करिए। We are resilient by force,not by choiceIPCC पास करने मे मुझे सिर्फ़ 4 हफ्ते लगे। आपको क्या लगता है कि जो लोग हमें फेल करते है वो हमसे ज़्यादा इंटेलिजेंट है। अरे इंटरनेट पे SeeA टाइप करके सर्च मारिए, 352 साइट्स मिलेंगे की SeeA कैसे बनते है, कौन कौन सी किताबे पढनी पड़ती है। सारा Information आसानी से Accesible है वो भी मुफ़त मे। आप जानते है की शर्मा जी की किताब एक Potential पेपर होता है। हैं। मुझे लगता है के एक Common SeeA स्टूडेंट के लिए इससे ज़्यादा Useful Product आज तक नही बना। ग़लती हमारी है, हम बहुत जल्दी Use to हो जाते है। एक ऐसा रिज़ल्ट आता है तो SeeAClubindia पे sad story पढ ली, फोन करके सबकी खैरीयत पूछ ली, शुकर मनाया के हम लोग पास हो गये और फिर हम उस situation से लड़ने की बजाय उसके साथ adjust करना शुरू कर देते है। पर हमारी भी मजबूरी है ना, हमे SeeA बनना होता है साहब। इसीलिए हम प्रेसीडेंट चुनते है, ताकि वो इन रिज़ल्ट्स पर रोक हटाए। आप लोग, बोर्ड ऑफ स्टडीस, सक्षम है इस तरह के पेस्ट कंट्रोल में लेकिन आप लोग कर नही रहे है. सिर्फ़ शय दिए जा रहे है| हैं। Why are you not nipping them in the butt? एक आदमी गुनहगार है या नही ये साबित करने मे आपको सालो लग जाते है| आपको नही लगता ये आपकी काबिलियत पर एक सवाल है| ये सारा नाटक बंद होना चाहिए| This whole bloody system is fraud. अगर आप लोग इन सांपों का सफ़ाया नही करेंगे तो हमे लाठी उठानी पड़ेगी, लेकिन क्या है कि इससे हमारी सिविलाइज़्ड सोसाइटी का बैलैंस बिगड़ जाएगा, लेकिन क्या करे। मक्कड़ साहब मुझे यकीन है की जो रिज़ल्ट खराब हुए वो सिर्फ़ एक Presidential Activity नही थे| वो एक बहुत बड़ा सवाल था और वो सवाल ये था के भैया हम तो तुम्हे ऐसे ही फेल करेंगे, तुम क्या कर लोगे। Yes,they asked us this question, in November 2009, repeated it in May 2011, i am just replying in 2018.

मक्कड़ : तुम्हारी ये homemade add suspense account to match asset liability वाली philosophy ग़लत है. ये सही तरीका नही है|
अज्ञात : हाँ जनता हूँ पर मैं आज तरीके के बारे मे नही नतीजे के बारे मे सोच रहा हूँ।
मक्कड़ : तुम्हारे किसी जान पहचान वाले ने खुद खुशी की थी क्या इस अटेंप्ट मे?

अज्ञात : क्यूँ, मुझे उस दिन का इंतज़ार करना चाहिए जब मेरा कोई अपना बेवजह इस तरह की ज़लील मौत मरे, तब मेरा ये कदम आपको जायज़ मालूम होगा। हाँ जानना ही है तो सुनिए। मेरा अपना कोई था इस अटेंप्ट मे। 20-21 साल का था। नाम नही जनता मैं उसका। हर अटेंप्ट मे मिलता था, दूसरी रो मे बैठ कर, मुस्कुरा कर हाथ हिला कर मुझे बेस्ट लक कहता था, मैं भी उसे बेस्ट लक कहता था. ऐसे बहुत सारे लोग थे जिन्हे नाम से नही जानता था सिर्फ़ बेस्ट लक से ही जानता था। खुद खुशी से एक अटेंप्ट पहले उसने मुझे अपनी IPCC ग्रूप 1 की पासिंग Marksheet दिखाई थी। He was very happy. अगले अटेंप्ट मैं पास हो गया, मैं बच गया, पर वो नही बच पाया। उसके बाद जब मैं अटेंप्ट देने गया तो मेरी जान पहचान का कोई नही था वहाँ पे,सब नये चेहरे थे।

मक्कड़ : तो ये सब तुम उन पुराने चेहरो के लिए कर रहे हो?

अज्ञात : नही नही नही, मैं इतना भी सेंटिमेंटल या एमोशनल नही हूँ, मक्कड़ साहब, I always knew what
loss is.अपनो को फेल होते हुए देखा है मैने। पर साहब ये Acceptable नही है। कोई चू, pardon my
language, लेकिन कोई चू आदमी मेरे लिए slashing कर के ये फ़ैसला नही करेगा के मुझे कब SeeA बनना है. उन्हे फक्र है, मई 2009 पे, नवम्बर 2007 पे, पूरे 2011 पे, गुजरात, दिल्ली, रोहतक, कश्मीर पे, मुझे फक्र है खुद पे के मैं इन जैसे लोगों को मार रहा हूँ। मैं कोई मसीहा नही हूँ, और ये मैं किसी के लिए नही सिर्फ़ अपने लिए कर रहा हूँ। मैं चाहता हूँ के मेरा बच्चा जब SeeA का फॉर्म भरे तो बेखौफ़ पास हो, किसी मे भी, CPT मे, IPCC मे, फाइनल मे, किसी मे भी|

मक्कड़ : मैं तुम्हे समझ नही पा रहा हूँ?
अज्ञात : क्यूकी मेरी reasons और मेरी demands बड़ी अजीब सी है ना।
मक्कड़ : शायद?
अज्ञात : Be definite, हाँ या ना?
मक्कड़ : हाँ।

अज्ञात : वो लोग मेरे जैसे दो सौ को मारे तो ठीक, मैं उन जैसे सिर्फ़ 4 को मारूँ तो ये अजीब सा है। हैं। आपकी ग़लती नही है, आम SeeA स्टूडेंट से यही उम्मीद की जाती है, के आम SeeA स्टूडेंट की तरह परीक्षा मे बैठो, आम SeeA स्टूडेंट की तरह फेल हो। अपने आप को ही देख लीजिए, जब तक आपको पता नही था के मैं कौन हूँ, आप मुझसे डर भी रहे थे, मुझे seriously भी ले रहे थे| अब मैने आपको बता दिया के मैं कौन हूँ तो आपकी आवाज़ मे अचानक एक कॉन्फिडेन्स आ गया. शायद आप ये भी सोच रहे होंगे के अच्छा, terrorist नही है, आम SeeA स्टूडेंट है, फिर तो मैं फेल कर दूँगा।

मक्कड़ : नही ऐसा नही है।
अज्ञात : ऐसा ना ही हो तो अच्छा है।
कवि का हौंसला बढाने के लिए फेसबुक का यह पृष्ठ पसंद करें

No comments:

Post a Comment